[ad_1]
जयपुर। कोरेानाकाल में तंग गलियों में सेनेटाइज करने के लिए नासिक के किसान राजेन्द्र जाधव ने इनोवेटिव स्प्रेयर टेक्नोलॉजी का विकास किया है। इस तकनीक का उपयोग 15 हार्स पॉवर टै्रक्टर के साथ भी किया जा सकता है। जो 4 फीट चौड़ी गलियों में भी 3 तरफ 12 नोजल के माध्यम से 15 फीट तक की ऊंचाई के साथ दांये, बांये एवं ट्रैक्टर के पीछे भी 15 फीट तक सेनेटाइज कर सकती है। यह सेनेटाइजर यंत्र टै्रक्टर की मदद से विकसित किया गया है।
शास्त्री नगर स्थित विज्ञान केन्द्र से शुक्रवार को किसान द्वारा विकसित इनोवेटिव स्प्रेयर टेक्नोलॉजी का ट्रैक्टर रवाना हुआ जो टोंक, अजमेर, पाली एवं जोधपुर में सेनेटाइज करते हुए पुनः जयपुर पहुंचेगा तथा सचिवालय जयपुर में डेमो देगा। इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की शासन सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा कि ग्रास रूट लेवल पर किसानों द्वारा किये गये इनोवेशन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के अधीन राष्ट्रीय नव प्रर्वतन प्रतिष्ठान संस्था के द्वारा प्लेटफार्म प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि दूर-दराज के क्षेत्रों में किसानों को सरल तकनीक के द्वारा उनके कार्यों में सुगमता एवं गति बढ़ाने के लिए ऎसी तकनीक फायदेमंद रहती है। उन्होंने कहा कि इस स्प्रेयर टेक्नोलॉजी के द्वारा 600 लीटर के टैंक से 4 से 5 घंटे तक सेनेटाइज किया जा सकता है। इस तकनीक का उपयोग कोरोनाकाल के अलावा अनार, आम नीबू के बगीचों सहित अन्य कृषि कार्यो में कीटनाशक, हर्बल कीटनाशक, ग्रोथ प्रमोटर में भी उपयोग लिया जा सकता है।
राष्ट्रीय नव प्रर्वतन प्रतिष्ठान के वरिष्ठ इनोवेशन अधिकारी हरदेव ने बताया कि यह संस्था जमीनी स्तर के नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करती है। इस इनोवशन स्पे्रयर टेक्नोलॉजी में 200, 400 एवं 600 लीटर के टैंक वाले सेनेटाइजर यंत्र विकसित किये गये है। जिनकी कीमत 1.50 लाख से 2.25 लाख रुपये तक है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक किसान ने अपनी सूझबूझ से विकसित की है तथा इसमें मैन पॉवर की आवश्यकता नहीं होती है तथा एक वाहन चालक ही इसे ऑपरेट कर सकता है।
ये भी पढ़ें – अपने राज्य – शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
।
[ad_2]
Source link