कारगिल विजय दिवस: 25वीं वर्षगांठ पर विशेष कार्यक्रम, कारगिल विजय भारतीय सेना के पराक्रम की पहचान

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कारगिल विजय दिवस: 25वीं वर्षगांठ पर विशेष कार्यक्रम, कारगिल विजय भारतीय सेना के पराक्रम की पहचान

आज पूरा देश कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर राजधानी भोपाल के शौर्य स्मारक में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हिस्सा लिया और कारगिल युद्ध में बलिदान देने वाले जांबाज सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित कर उनके शौर्य को याद किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शौर्य स्मारक की स्थायी चित्र प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और देशभक्ति गीत प्रस्तुत करने वाले एनसीसी कैडेट्स को बधाई दी।

बलिदानियों को श्रद्धांजलि

शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अरेरा हिल्स स्थित शौर्य स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कारगिल विजय भारतीय सेना के पराक्रम की पहचान है। उन्होंने कहा, “कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की पराजय हुई। आज भारत शत्रु के दुस्साहस का उत्तर उसके घर में घुसकर दे सकता है। भारतीय सेना दुनिया की बेहतरीन सेनाओं में से एक है, जो दुश्मन से निपटना जानती है। कारगिल के शहीद सैनिकों को राष्ट्र कभी नहीं भुलाएगा।”

कारगिल विजय दिवस: 25वीं वर्षगांठ पर विशेष कार्यक्रम, कारगिल विजय भारतीय सेना के पराक्रम की पहचान
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कारगिल युद्ध का इतिहास

26 जुलाई, 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध में जीत हासिल की थी। यह युद्ध भारतीय सेना के शौर्य, साहस और बलिदान का प्रतीक है। दुर्गम चोटियों पर पाकिस्तानी सैनिकों ने घुसपैठ की थी, जिसे भारतीय सेना ने बेहतरीन रणनीति और अदम्य साहस से खदेड़ दिया। इस विजय के उपलक्ष्य में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

शौर्य स्मारक में विशेष प्रदर्शनी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शौर्य स्मारक की स्थायी चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया, जिसमें कारगिल युद्ध के समय के चित्र और महत्वपूर्ण घटनाओं का संग्रह था। इस प्रदर्शनी ने सभी को उस समय के जांबाज सैनिकों के शौर्य और साहस की याद दिलाई। कार्यक्रम में राष्ट्रभक्ति गीत प्रस्तुत करने वाले एनसीसी कैडेट्स को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इन युवा कैडेट्स ने अपने प्रदर्शनों से सभी का दिल जीत लिया और देशभक्ति की भावना को प्रबल किया।

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हिसार में कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई

सेना ने महाबीर स्टेडियम, हिसार में कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ मनाई* हिसार कैंट की सेना ने कारगिल युद्ध की रजत जयंती के अवसर पर नेक पहल की और 25 जुलाई 2024 को महाबीर स्टेडियम, हिसार में एक मनमोहक आर्मी बैंड सह सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में सैन्य बैंड शामिल थे जो मार्शल देशभक्ति गीत बजा रहे थे।
ओपी जिंदल स्कूल के बच्चों ने नृत्य प्रस्तुत किया और 3 एनसीसी बटालियन के एनसीसी कैडेटों ने देशभक्ति कविताएं, गीत और नृत्य करके अपने कौशल का प्रदर्शन किया।

इस कार्यक्रम में हिसार मिलिट्री स्टेशन के अधिकारियों, जूनियर कमीशंड अधिकारियों और सैनिकों ने भाग लिया।
समारोह में हिसार के पूर्व सैनिक भी शामिल हुए, जिनमें कारगिल के दिग्गज भी शामिल थे।

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इसके अलावा NCC कैडेट, विभिन्न स्कूलों के स्कूली बच्चे और नागरिक भी उपस्थित थे।

मेजर जनरल अमित तलवार, विशिष्ट सेवा मेडल, जीओसी हिसार डिवीजन इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, उनके साथ हिसार सैन्य स्टेशन के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

स्टेडियम समाज के सभी वर्गों के लगभग 1500 लोगों से भरा हुआ था।

यह कार्यक्रम हमारे कारगिल नायकों की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि का प्रतीक था।

वॉर ट्रॉफी के रूप में टी-55 टैंक

शौर्य स्मारक परिसर में भारतीय थल सेना के सौजन्य से वॉर ट्रॉफी के रूप में प्राप्त टी-55 टैंक को स्थापित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसे महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह टैंक भारतीय सेना की वीरता और शौर्य का प्रतीक है। इस टैंक ने कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और इसे शौर्य स्मारक में स्थापित करना एक गर्व की बात है।

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प्रदेशवासियों को बधाई

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेशवासियों को कारगिल विजय दिवस की बधाई देते हुए युद्ध के शहीदों को नमन किया। उन्होंने कहा, “आज का दिन हमें उन वीर सैनिकों के बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। हम सभी को उनके शौर्य और साहस को सलाम करना चाहिए और उनके बलिदान को याद रखना चाहिए।”

कारगिल विजय दिवस भारतीय सेना के साहस और पराक्रम को दर्शाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है कि हम उन वीर सैनिकों को याद करें जो अपनी जान देकर देश की सीमा बचाई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम ने सभी को शौर्य और देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया। हम सभी को देश की सेना और उसके जांबाज सैनिकों को नमन करते हुए उनके बलिदान को स्मरण करना चाहिए और उनकी प्रेरणा से देश की सेवा करनी चाहिए।

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