-HAU के एबिक सेंटर नेे मांगे आवेदन, बेरोजगार छात्रों, किसानों, महिलाओं व उद्यमियों के लिए सुनहरा अवसर
-व्यापार शुरू करने के लिए महिलाओं व छात्रों के लिए विशेष प्रावधान
अगर आपके पास कोई कृषि व कृषि से संबंधित बिजनेस करने का Idea है, तो आपको चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से स्थापित एग्रीबिजनेस इंक्यूबेशन सेंटर (एबिक) के माध्यम से 25 लाख रूपये तक की अनुदान राशि दिला सकता है। यह अनुदान राशि एक प्रक्रिया के तहत HAU स्थित एबिक के माध्यम से दी जाएगी। इसके लिए आपको सिर्फ चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय वेबसाइट www.hau.ac.in पर 10 सितम्बर, 2024 तक ऑनलाइन आवेदन करना है।
Idea को मिल सकती है 4 से 25 लाख तक की ग्रांट
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज के अनुसार इस सेंटर के माध्यम से युवा छात्र, किसान, महिला व उद्यमी मार्केटिंग, नेटवर्किंग, लाईसेंसिंग, ट्रैडमार्क व पेटेंट, तकनीकी व फंडिग से संबंधित प्रशिक्षण लेकर कृषि क्षेत्र में अपने स्टार्टअप को नया आयाम दे सकते हैं। इसके लिए छात्र कल्याण प्रोग्राम, ‘पहल’ एवं ‘सफल’-2024 नाम से तीन प्रोग्रामों का विवरण इस प्रकार हैं:
छात्र कल्याण प्रोग्राम: यह प्रोग्राम छात्रों के लिए पहली बार प्रारंभ किया गया है जो छात्रों को उद्यमी बनाने में मदद करेगा। इस प्रोग्राम के तहत केवल छात्र ही आवेदन कर सकते हैं चयनित छात्र को एक महीने का प्रशिक्षण व 4 लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी। यह राशि चयनित छात्र को एकमुश्त दी जाएगी।
पहल: इस प्रोग्राम के तहत चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण व 5 लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी। यह राशि चयनित उम्मीदवार को एकमुश्त दी जाएगी।
सफल: इस प्रोग्राम के तहत चयनित उम्मीदवार को एक महीने का प्रशिक्षण व 25 लाख तक की अनुदान राशि प्रावधान की जाएगी। यह राशि चयनित उम्मीदवार को दो किश्तों में दी जाएगी।
उन्होंने बताया पिछले 5 सालों में 65 स्टार्टअप्स को केन्द्रीय कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा लगभग 7 करोड़ की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। कुलपति ने उक्त कार्यक्रमों से संबंधित विवरण पुस्तिका का विमोचन किया।
आवेदकों के लिए आयु व शिक्षा नहीं बनेगी बाध्य
आवेदक को अपने Idea का प्रपोजल HAU की वेबसाइट www.hau.ac.in पर ऑनलाइन आवेदन करना है जोकि नि:शुल्क है। इसके बाद उस Idea का यूनिवर्सिटी वैज्ञानिक व इंक्युबेशन कमेटी द्वारा एक महीने के प्रशिक्षण के लिए चयन किया जाएगा। एक महीने के प्रशिक्षण के बाद भारत सरकार द्वारा गठित कमेटी आवेदक के Idea को प्रस्तुत करवाएगी और चयनित आवेदक को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुदान राशि स्वीकृत की जाएगी।
प्रशिक्षित युवा स्वरोजगार के साथ-साथ दूसरे लोगों को भी रोजगार दे पाएंगे
कुलपति ने कहा युवाओं के लिए कृषि क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करने का एक सुनहारा अवसर है। एबिक सेंटर से प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता लेकर युवा रोजगार खोजने की बजाय रोजगार देने वाले बन सकते हैं। इस सेंटर के माध्यम से स्टार्टअप्स देश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अहम भूमिका निभाएंगे। भारत सरकार ने महिलाओं को उद्यमी बनाने के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राशि देने का प्रावधान रखा है। इसके साथ ही युवा, किसान व उद्यमी एबिक सेंटर के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में प्रोसेसिंग, मूल्य संवर्धन, सर्विसिंग, पैकजिंग व ब्रांडिग करके व्यापार की अपार संभावनाएं तलाश सकते हैं। ये तीनों कार्यक्रम उनको आत्मनिर्भर बनाने में काफी मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा इस सेंटर से अब तक जुड़े युवा उद्यमी व किसानों ने न केवल अपनी कंपनी का टर्न ओवर करोड़ो रूपए तक पहुंचाया है अपितु उन्होंने दूसरे लोगो को रोजगार भी प्रदान किया है। इस अवसर पर अनुसंधान निदेशक डॉ. एसके पाहुजा, ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, प्रिंसीपल इन्वेस्टीगेटर डॉ. राजेश गेरा, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, एबिक के बिजनेस मैनेजर विक्रम सिंधु व राहुल दुहन मौजूद रहे।