मध्य प्रदेश के उज्जैन और इंदौर के बीच की यात्रा अब और आसान होने जा रही है। सरकार ने 1692 करोड़ रुपये की लागत से उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन परियोजना की शुरुआत की है, जो न केवल इस मार्ग की यातायात क्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि यहां होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या को भी कम करेगी। इस लेख में हम इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
परियोजना का महत्व
उज्जैन, एक प्रमुख धार्मिक स्थल, हर साल लाखों पर्यटकों का स्वागत करता है। 2028 में होने वाले महाकुंभ सिंहस्थ के दौरान यहां लगभग 15 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। ऐसे में, इंदौर-उज्जैन मार्ग पर यातायात का दबाव बढ़ना तय है। सिक्स लेन बनने से न केवल यातायात की गति में सुधार होगा, बल्कि दुर्घटनाओं की संख्या में भी कमी आएगी। पिछले साल, इस मार्ग पर 226 दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें 210 लोग घायल हुए थे और 22 की मौत हुई थी। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए इस परियोजना की आवश्यकता अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
परियोजना की लागत और समयसीमा
इस सिक्स लेन सड़क परियोजना की कुल लागत 1692 करोड़ रुपये है, जिसमें से 735 करोड़ रुपये सड़क के निर्माण पर और 957 करोड़ रुपये अगले 15 वर्षों में उसके ऑपरेशन और मेंटेनेंस पर खर्च किए जाएंगे। यह योजना 20 फरवरी 2024 को मध्य प्रदेश मंत्रीमंडल द्वारा मंजूर की गई थी। इसके तहत सड़क निर्माण के साथ-साथ सड़क सुरक्षा उपायों को भी लागू किया जाएगा।
सड़क निर्माण की तकनीक
इस सड़क का निर्माण हाइब्रिड वार्षिकी पद्धति से किया जाएगा, जिसमें मुख्य सड़क को डामर से और आबादी वाले क्षेत्रों में एप्रोच रोड को सीमेंट-कांक्रीट से बनाया जाएगा। इससे सड़क की मजबूती और लंबी उम्र दोनों सुनिश्चित होगी।
परियोजना का डिज़ाइन और बदलाव
इस परियोजना की डिज़ाइन में कई बदलाव किए गए हैं। पहले योजना में 1.35 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने और आठ फ्लाई ओवर तथा 70 अंडरपास बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन अब इसे संशोधित कर दो बड़े पुल, दो फ्लाई ओवर और छह अंडरपास बनाने का निर्णय लिया गया है। ये बदलाव लागत को कम करने के बजाय बढ़ा रहे हैं, और इस पर कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे रहा है।
सड़क सुरक्षा उपाय
सड़क की सुरक्षा के लिए विभिन्न उपाय किए जाएंगे। इसमें जंक्शन का सुधार, सिग्नल प्रणाली की स्थापना और मार्ग के किनारे सुरक्षा बाड़ लगाना शामिल है। ये सभी कदम सुनिश्चित करेंगे कि यातायात सुगम और सुरक्षित हो।
सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
सड़क की क्षमता बढ़ने से न केवल स्थानीय व्यवसायों को लाभ होगा, बल्कि यह क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी सृजित करेगा। बेहतर सड़कें आर्थिक विकास को बढ़ावा देती हैं और निवेश को आकर्षित करती हैं।
उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन परियोजना एक नई उम्मीद लेकर आई है। यह न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि यह सड़क सुरक्षा में भी सुधार लाएगी। परियोजना के पूर्ण होने के बाद, हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस मार्ग पर यात्रा करना और भी सुरक्षित और तेज़ होगा।
यह परियोजना मध्य प्रदेश की विकास योजनाओं में एक महत्वपूर्ण कदम है, और इसका सफल कार्यान्वयन सभी के लिए फायदेमंद साबित होगा। हम इस परियोजना की प्रगति पर नज़र रखेंगे और उम्मीद करते हैं कि यह समय पर पूरी होगी, जिससे उज्जैन और इंदौर के बीच की दूरी और भी कम हो जाएगी।
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