“इटली में यौन अपराधियों के खिलाफ कड़ा कदम: रासायनिक बधियाकरण की तैयारी”

0

जॉर्जिया मेलोनी का साहसिक फैसला

नई दिल्ली: दुनियाभर में महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण के मामलों में वृद्धि हो रही है, और इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए इटली,विभिन्न देशों में विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इस दिशा में एक साहसिक कदम उठाया है, जिसके तहत हिंसक यौन अपराधियों के लिए रासायनिक बधियाकरण (Castration) को वैध बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यह निर्णय इटली के संसद के निचले सदन द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर लिया गया है, जिसमें सांसदों ने एक समिति के गठन को मंजूरी दी है।

इटली
https://thenationtimes.in/wp-content/uploads/2024/09/image-80.png

रासायनिक बधियाकरण का उद्देश्य

इस प्रस्ताव के तहत, हिंसक यौन अपराधियों का उपचार एंड्रोजन अवरोधक दवाओं से किया जाएगा, जो उनकी यौन इच्छा को कम करने में सहायक होंगे। इस उपचार को सहमति से और प्रतिवर्ती रूप में लागू करने का प्रस्ताव है, ताकि दोबारा अपराध करने की संभावनाओं को न्यूनतम किया जा सके। यह कदम उन अपराधियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपचार विकल्प होगा, जो अपनी प्रवृत्तियों को नियंत्रित करने में असमर्थ हैं।

मेलोनी का संकल्प

प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने हाल ही में कहा कि सुरक्षा उनकी “प्राथमिकता” है। उन्होंने नेपल्स के निकट कैवानो शहर में दो किशोर चचेरी बहनों के सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद इस मुद्दे की गंभीरता को समझा। इस मामले में दोषी ठहराए गए पांच लोगों ने समाज में आतंक और भय का माहौल पैदा किया। इस घटना ने मेलोनी को अपने प्रशासन की सुरक्षा नीतियों को मजबूत करने के लिए प्रेरित किया।

image 81

सख्त कानूनों की दिशा में कदम

मेलोनी के प्रशासन ने 2022 में सत्ता में आने के बाद से कानून और व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई नए अपराधों और सज़ाओं को शामिल करने वाले कानून पेश किए हैं। यह कदम उनके सरकार के सख्त दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो देश में बढ़ते अपराध और असुरक्षा के मामलों के प्रति चिंतित है।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

हालांकि, मेलोनी के इस निर्णय का विपक्षी दलों द्वारा कड़ा विरोध किया जा रहा है। विपक्षी समूहों ने इसे “चरमपंथी” और “मानवता एवं न्याय का उल्लंघन” बताया है। डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद सिमोना बोनाफे ने कहा कि इस प्रस्ताव का उद्देश्य असंवैधानिक है और यह हमारी कानूनी प्रणाली की नींव को कमजोर करेगा।

ग्रीन और लेफ्ट अलायंस ने भी इस कदम की आलोचना की है, यह कहते हुए कि यह “दमन के लिए अंतहीन आह्वान” है। उनका तर्क है कि शारीरिक दंड का उपयोग करके कोई भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता है।

image 83

मानवाधिकारों की चिंता

इस फैसले पर चर्चा करते हुए मानवाधिकार संगठनों ने चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि यौन अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी है, लेकिन यह तरीका मानवाधिकारों के उल्लंघन की दिशा में जा सकता है। उनका तर्क है कि रासायनिक बधियाकरण को केवल एक अंतिम उपाय के रूप में ही देखा जाना चाहिए, न कि एक सामान्य प्रथा के रूप में।

वैश्विक संदर्भ

इटली में उठाए गए इस कदम के साथ, वैश्विक स्तर पर यौन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का यह एक नया उदाहरण है। कई देशों ने इस दिशा में अपने तरीके अपनाए हैं, जैसे कि अमेरिका में कई राज्य विभिन्न प्रकार की दंडात्मक उपायों का उपयोग कर रहे हैं।

image 84

भविष्य की संभावनाएँ

इटली की इस पहल से यह सवाल उठता है कि क्या अन्य देश भी इसी रास्ते पर चलेंगे? यदि इटली में यह उपाय सफल होता है, तो क्या यह दुनिया के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जाएगा? इस दिशा में किसी भी कदम का व्यापक प्रभाव पड़ेगा, जिससे महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा में मदद मिलेगी।

जॉर्जिया मेलोनी द्वारा उठाया गया यह कदम यौन अपराधियों के खिलाफ एक गंभीर और साहसिक पहल है, जो न केवल इटली में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बनेगा। हालांकि, इस प्रक्रिया में कई नैतिक और कानूनी सवाल भी उठते हैं, जिन्हें गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। महिलाओं की सुरक्षा और यौन अपराधों के खिलाफ कड़े कदम उठाना बेहद जरूरी है, लेकिन इसे एक संतुलित और मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशील तरीके से किया जाना चाहिए।

इस प्रकार, इटली में चल रही यह बहस केवल एक देश की नहीं, बल्कि पूरे समाज की महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here