आशा नेगी: कास्टिंग काउच के खिलाफ एक सशक्त आवाज

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आशा नेगी: मनोरंजन उद्योग, विशेष रूप से भारतीय फिल्म और टेलीविजन जगत, अपनी चमक-दमक के लिए जाना जाता है। लेकिन इसके पीछे की काली छाया, जिसमें कास्टिंग काउच का मुद्दा शामिल है, अक्सर अनदेखा रह जाता है। हाल ही में, अभिनेत्री आशा नेगी ने इस पर खुलकर बात की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए उन्हें कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

आशा नेगी का सफर

आशा नेगी, जिन्हें ‘पवित्र रिश्ता’ से पहचान मिली, अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी अपने अभिनय का जलवा बिखेर रही हैं। उनकी हालिया वेब सीरीज ‘हनीमून फोटोग्राफर’ ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है। लेकिन आशा का यह सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने न केवल अपने करियर के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया, बल्कि उन्हें कास्टिंग काउच के रूप में एक भयावह अनुभव भी झेलना पड़ा।

आशा नेगी
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कास्टिंग काउच का सामना

आशा ने अपने करियर के शुरुआती दिनों की यादें साझा कीं, जब वह केवल 20-22 साल की थीं। उन्होंने बताया कि एक बार उन्हें एक कॉर्डिनेटर ने अकेले में मिलने के लिए बुलाया। उस मुलाकात में, वह कॉर्डिनेटर उनसे ‘हीरोइन’ बनने की शर्तों के बारे में बात करने लगा। आशा ने कहा, “वह मुझसे बातें कर रहा था और कोशिश कर रहा था कि मैं उसके चंगुल में फंस जाऊं। उसने कहा, ‘अगर तुम्हें हीरोइन बनना है, तो ये सब करना पड़ेगा।’ यह सुनकर मैं चौंकी, लेकिन मैंने उसे साफ मना कर दिया।”

आशा का यह साहसिक निर्णय उनके व्यक्तित्व को उजागर करता है। उन्होंने न केवल उस स्थिति का सामना किया, बल्कि उसे अपने लिए एक सबक भी बना लिया।

एक सशक्त प्रतिक्रिया

आशा ने बताया कि उस डरावनी मुलाकात के बाद, उन्होंने अपने दोस्तों को तुरंत फोन किया और उन्हें सब कुछ बताया। यह एक महत्वपूर्ण कदम था, क्योंकि उन्होंने न केवल अपनी आवाज उठाई, बल्कि अन्य लोगों को भी इस मुद्दे पर जागरूक किया। उनका यह कदम इस बात का प्रतीक है कि जब लोग कास्टिंग काउच जैसे मुद्दों के खिलाफ खड़े होते हैं, तो यह एक बड़ी आवाज बन सकता है।

आशा ने आगे कहा, “मैं अंदर से नर्वस हो रही थी, लेकिन मैंने चेहरे पर कॉन्फिडेंस रखा और उसे इनकार कर दिया। यह बहुत जरूरी था कि मैं अपनी सीमाओं को पहचानूं और खुद को समझाऊं कि मुझे किसी के साथ समझौता नहीं करना है।”

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इंडस्ट्री में बदलाव की आवश्यकता

आशा का अनुभव केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि सभी नए कलाकारों के लिए एक सीख है। कास्टिंग काउच का मुद्दा अब केवल महिलाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पुरुषों को भी प्रभावित कर रहा है। हाल ही में अभिनेता अभय वर्मा ने भी इस मुद्दे पर बात की, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि यह समस्या सभी के लिए एक समान है।

इस मुद्दे पर खुलकर बात करने की आवश्यकता है ताकि नए कलाकारों को सही मार्गदर्शन मिले और उन्हें ऐसे भयंकर अनुभवों का सामना न करना पड़े। आशा नेगी जैसी अभिनेत्रियों का साहस और उनकी आवाज इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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उम्मीद और बदलाव

आशा नेगी का अनुभव इस बात का संकेत है कि जब एक व्यक्ति अपनी आवाज उठाता है, तो बदलाव संभव है। उन्होंने अपने अनुभव से साबित किया कि खुद को बचाना और अपनी पहचान को बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। यह न केवल उन्हें बल्कि अन्य कलाकारों को भी प्रेरित करता है।

आशा अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर नए अवसरों का सामना कर रही हैं, और उनकी कहानी यह दर्शाती है कि जो भी व्यक्ति अपने करियर में चुनौतियों का सामना करता है, वह अंततः सफलता प्राप्त कर सकता है।

आशा नेगी की कहानी हमें यह सिखाती है कि चुनौतियों का सामना करने से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें एक अवसर में बदलने की कोशिश करनी चाहिए। उनकी आवाज कास्टिंग काउच के खिलाफ एक सशक्त आंदोलन का हिस्सा बन चुकी है। इस तरह के अनुभवों को साझा करने से न केवल जागरूकता बढ़ती है, बल्कि यह उन लोगों को भी साहस देती है जो ऐसे हालातों का सामना कर रहे हैं।

आशा का सफर हमें याद दिलाता है कि एक सच्ची हीरोइन वह है, जो अपने अनुभवों से सीखती है, अपने अधिकारों के लिए खड़ी होती है और कभी भी समझौता नहीं करती। उनके साहस से प्रेरित होकर, हमें इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए और इसे खत्म करने के लिए एकजुट होना चाहिए।

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