आर्मी पब्लिक स्कूल हिसार में ‘हरियाणा-दिवस’ व राष्ट्रीय एकता दिवस उत्साह पूर्वक मनाया गया

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आर्मी पब्लिक स्कूल हिसार में हरियाणा- दिवस व राष्ट्रीय एकता दिवस उत्साह व धूमधाम से मनाया गया। विद्यार्थियों द्वारा हरियाणा की संस्कृति को विभिन्न माध्यमों से प्रदर्शित किया गया। विद्यालय की छात्राओं द्वारा हरियाणवी- संस्कृति को दर्शाता हुआ रंगारंग नृत्य, हरियाणवी गीत व समूह गान इत्यादि प्रस्तुत किए गए। भाषण के माध्यम से सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर 7 से 14 अक्टूबर को सिवानी में आयोजित कैंप अलग– अलग गतिविधियों में विभन्न पदक प्राप्त करने एनसीसी के सभी कैडेट्स को भी सम्मानित किया गया और विद्यार्थियों ने रन फॉर यूनिटी में उत्साहपूर्वक भाग लिया। विद्यार्थियों द्वारा देश में एकता व अखंडता बनाए रखने की शपथ ली गई।

हरियाणा दिवस के अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. कविता जाखड़ ने कार्यक्रमों की भरपूर सराहना करते हुए सभी को राष्ट्रीय एकता दिवस व हरियाणा दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ दीं। अपने उदबोधन में उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल वह महान व्यक्ति थे जिन्होंने अखंड भारत के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान दिया है। हमारा देश छोटी छोटी रियाशतों में बंटा हुआ था। राजा एक दूसरे से लड़ते थे इन सभी को एक मत के साथ एक सूत्र में पिरोना आसान नहीं था लेकिन देश के इस सपूत ने इस असम्भव कार्य को भी सच कर के दिखा दिया। सरदार पटेल का कहना था कि एक समृद्ध और मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए एकता की भावना होना बहुत महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने सांस्कृतिक विविधताओं से भरे इस देश में सभी को अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की प्रेरणा दी। उन्हीं के दिखाए मार्ग पर आज राष्ट्र निरंतर आगे बढ़ रहा है। हम विविधता में एकता की एक ऐसी मिसाल है कि पूरी दुनिया में ऐसा उदाहरण कहीं और देखने को नहीं मिलता है।

सरदार पटेल का जीवन प्रेरणा दायक

सरदार पटेल को लौह पुरूष के नाम भी जाना जाता है। देश की छोटी छोटी रियासतों को एक सूत्र में पिरो कर अखंड भारत के निर्माण को लेकर उन्हें लौह पुरूष के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा भी एक कथा है जो बच्चों को हमेशा प्रेरित करती है कहते हैं कि बचपन में सरदार पटेल के शरीर पर एक फोड़ा निकल आया था। जिसका उपचार करने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे थे लेकिन यह ठीक नहीं हो रहा था। काफी इलाज के बाद ज​ब यह ठीक नहीं हुआ तो एक वैद्य ने बताया कि यदि इस फोड़े को लोहे की गर्म शलाखों से दागा जाए तो यह ठीक हो सकता है। सभी को यह कार्य इस लिए बड़ा कठिन लग रहा था कि बाल पटेल इस दर्द को कैसे सह पाऐगे लेकिन सभी हैरान हुए जब सरदार पटेल ने स्वयं ही गर्म लोहे की सलाखों से फोड़े को दाग दिया और फोड़ा ठीक हो गया। इस प्रकार सरदार पटेल की वीरता बचपन से ही चर्चा का विषय रही है।

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