धरती की सभी भाषाओं के शब्दों में प्यार से ऊपर कोई शब्द नहीं है। फिर भी प्रेम को शब्दों में नहीं कहा जा सकता। दुनिया कोविड पॉजिटिव हो रही है, मैं भी हुई पर परिजनों-मित्रों-सहकर्मियों, साथियों की दुआयों ने मेरा बाल भी बांका नहीं होने दिया। आज 17 दिन बाद ऑफिस पहुँचने पर जो प्यार-स्नेह-आदर मिला, वो मेरे जन्मभर की दौलत रहेगी। सबका प्यारभरा शुक्रिया।