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अजमेर: एक असाधारण मामले में एक पिता ने कैडबरी मोंडेलेज इंडिया फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के विज्ञापन पर उपभोक्ता विवाद आयोग, अजमेर के साथ एक याचिका दायर की है।
पेशे से वकील अमित गांधी ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई है और भारतीय संस्कृति और नैतिकता के खिलाफ विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा है। जिसके बाद उपभोक्ता आयोग ने कंपनी को नोटिस जारी कर 4 मई तक जवाब तलब किया है।
एक दिन अमित गांधी ने अपने 6 साल के बेटे को अपने दादाजी को दवाइयाँ देने के लिए कहा था, जब बच्चे ने विज्ञापन के हवाले से जवाब दिया कि, “पिताजी … कुछ भी नहीं करके भी हम लोगों की मदद कर सकते हैं और उनकी जान बचा सकते हैं।” पिता-सह-वकील प्रासंगिकता को तब तक नहीं समझ सकते थे जब तक कि उनके बेटे ने उन्हें कंपनी का वीडियो विज्ञापन नहीं दिखाया था।
यह वह घटना थी जिसने याचिका को गति दी। याचिका में अमित गांधी ने कहा कि विज्ञापन में लड़के को बुढ़िया के अनुरोध के प्रति असंवेदनशील दिखाया गया है। वकील का मानना है कि इस तरह के विज्ञापन से समाज में गलत संदेश जाता है। कुछ भी नहीं करने और किसी की मदद नहीं करने जैसा संदेश स्क्रिप्ट से दिया जा रहा है।
पिता ने न केवल 5 लाख रुपये का मुआवजा मांगा, बल्कि आयोग से टीवी और यहां तक कि सोशल मीडिया वेबसाइटों से भी विज्ञापन को हटाने का आग्रह किया।
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार शर्मा और सदस्य अलका रानी जैन ने याचिका पर सुनवाई की और चॉकलेट कंपनी को नोटिस जारी किया।
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