“सुरक्षा में चूक: गढ़वा में मंत्री जी का हेलीकॉप्टर फ्यूल के बिना!”

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एक बड़े प्रशासनिक लापरवाही की कहानी

झारखंड के गढ़वा जिले में हाल ही में हुई एक घटना ने मंत्री जी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपने निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सड़क मार्ग से यात्रा करनी पड़ी, क्योंकि उनके हेलीकॉप्टर में फ्यूल खत्म हो गया था। यह घटना केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि कई महत्वपूर्ण सवाल उठाती है।

गढ़वा
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कार्यक्रम का आयोजन

गढ़वा जिले में बीजेपी की संकल्प सह परिवर्तन यात्रा का आयोजन किया गया था। इस यात्रा में कई केंद्रीय मंत्री और स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ता शामिल हुए थे। कार्यक्रम की शुरुआत नगर उंटारी प्रखंड के श्रीबंशीधर मंदिर में पूजा-पाठ से हुई, जिसके बाद गढ़वा के गोसाईबाग मैदान में सभा का आयोजन किया गया। इस समारोह में भारी संख्या में जनता और बीजेपी समर्थक भी शामिल हुए।

हेलीकॉप्टर की तकनीकी समस्या

समारोह के बाद जब मंत्री जी को वापस लौटना था, तब यह पता चला कि हेलीकॉप्टर में ईंधन की कमी हो गई है। अधिकारियों ने जानकारी दी कि हेलीकॉप्टर को ईंधन की आपूर्ति के लिए एक वाहन भेजा गया था, लेकिन वह रास्ते में ही खराब हो गया। पलामू और गढ़वा के बीच ओढ़नार गांव के पास ईंधन लाने वाली गाड़ी समय पर नहीं पहुंच सकी, जिससे मंत्री जी को सड़क मार्ग से यात्रा करनी पड़ी।

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सड़क मार्ग से यात्रा की मजबूरी

हेलीकॉप्टर की कमी के कारण, राजनाथ सिंह और शिवराज सिंह चौहान को 12 गाड़ियों के काफिले के साथ सड़क मार्ग से बनारस के लिए निकलना पड़ा। यह स्थिति न केवल मंत्री जी के लिए असुविधाजनक रही, बल्कि इससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी उठी। सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण व्यक्तियों को हमेशा सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन उपलब्ध कराना आवश्यक होता है, जो इस बार नहीं हो सका।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा था? क्या जिम्मेदार अधिकारियों ने समय पर आवश्यक कार्रवाई नहीं की? जब मंत्री जी जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों की बात होती है, तो सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक होता है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि गंभीर सुरक्षा चूक मानी जा सकती हैं।

जनता की प्रतिक्रिया

इस घटना को लेकर स्थानीय जनता में नाराजगी देखने को मिली। कुछ लोगों ने कहा कि इस तरह की लापरवाही की कोई जगह नहीं होनी चाहिए, खासकर जब बात देश के मंत्रियों की हो। अन्य लोगों ने इस घटना को एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति के रूप में देखा, जो प्रशासन की व्यवस्थाओं की खामियों को उजागर करती है।

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प्रशासन की ओर से स्पष्टीकरण

घटना के बाद, अधिकारियों ने बयान दिया कि हेलीकॉप्टर में तकनीकी समस्या आ गई थी और ईंधन की आपूर्ति में देरी हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी स्थितियों से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, यह स्पष्टीकरण जनता की चिंताओं को कम करने में असफल रहा।

गढ़वा में हेलीकॉप्टर के फ्यूल खत्म होने की घटना ने न केवल मंत्री जी की यात्रा को प्रभावित किया, बल्कि यह प्रशासनिक लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने का कारण बनी। ऐसे में यह आवश्यक है कि संबंधित अधिकारी इस घटना से सबक लें और भविष्य में ऐसी समस्याओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। मंत्री जी की सुरक्षा के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि उन्हें हर समय सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन उपलब्ध कराया जाए, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकें।

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