साइबर ठग: दुबई और पाकिस्तान में बैठे ठगों को बैंक खाते बेचने वाले एजेंट

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साइबर ठग: दुबई और पाकिस्तान में बैठे ठगों को बैंक खाते बेचने वाले एजेंट

साइबर ठगी का अपराध आज एक गंभीर समस्या बन चुका है। विशेषकर दुबई, पाकिस्तान, थाईलैंड और कंबोडिया जैसे देशों में बैठे साइबर ठगों के द्वारा भारतीय बैंक खातों का दुरुपयोग किया जा रहा है। हाल के दिनों में यह देखा गया है कि इन ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले एजेंट भी सक्रिय हो गए हैं। ये एजेंट गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को निशाना बनाकर उन्हें लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाते हैं, ताकि ठगी की रकम को आसानी से ट्रांसफर किया जा सके।

Cyber ​​Thugs: दुबई और पाकिस्तान में बैठे साइबर ठगों को एजेंट बेच रहे बैंक खाते

ठगों के नए तरीके

साइबर ठगों ने अपनी ठगी के तरीकों में बदलाव किया है। पहले ठगी की राशि सीधे बैंक खातों से बाहर जा रही थी, लेकिन अब ठग कई बैंक खातों का उपयोग करते हैं। इससे पुलिस की जांच में जटिलता आती है। ठगों के पास बड़ी संख्या में बैंक खाते होते हैं, जिन्हें वे सामान्य नागरिकों के नाम पर खुलवाते हैं। ऐसे में जब पुलिस जांच करती है, तो उन्हें असली ठगों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

एजेंटों की भूमिका

भोपाल साइबर क्राइम सेल के प्रभारी तरुण कुरील के अनुसार, ये एजेंट झुग्गी-बस्तियों में जाकर लोगों से बातचीत करते हैं। वे उन्हें सरकारी योजनाओं के नाम पर या पैसे का लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाने के लिए राजी करते हैं। कई बार ये एजेंट गरीब, कम पढ़े-लिखे और बुजुर्ग लोगों को गुमराह करके उनके दस्तावेज इकट्ठा कर लेते हैं और उनके नाम पर खाते खुलवाते हैं।

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पुलिस जांच और चुनौतियाँ

जब ठगी की घटनाएं होती हैं, तो पुलिस जांच उन खातों की ओर मुड़ती है, जो अक्सर गरीब-मजदूरों के होते हैं। इन खातों का असली मालिक ठगों के द्वारा गुमराह किए गए लोग होते हैं, जिन्हें अपने खातों की पूरी जानकारी नहीं होती। इस कारण पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करती है, जबकि असली अपराधी बाहर बच जाते हैं।

बैंकों की मिलीभगत

हालांकि, इस मामले में बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। हाल ही में एक बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर को गिरफ्तार किया गया था, जो इन गतिविधियों में शामिल था। इससे साफ होता है कि सिर्फ ठग ही नहीं, बल्कि कुछ बैंक कर्मचारी भी इस खेल में शामिल हैं।

ठगी की रोकथाम के उपाय

साइबर ठगी को रोकने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं:

  1. सार्वजनिक जागरूकता: लोगों को ठगी के तरीकों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। उन्हें यह समझाना होगा कि कभी भी किसी के कहने पर अपने बैंक खातों की जानकारी साझा न करें।
  2. सख्त कानून: साइबर अपराधों के खिलाफ कानूनों को और सख्त बनाना होगा ताकि ठगों को कड़ी सजा मिल सके।
  3. बैंक कर्मचारियों की ट्रेनिंग: बैंकों को अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना चाहिए ताकि वे संदिग्ध गतिविधियों को पहचान सकें और रोक सकें।
  4. पुलिस और बैंकों के बीच सहयोग: पुलिस और बैंकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना जरूरी है ताकि जांच प्रक्रिया को तेज किया जा सके।

साइबर ठगी की समस्या बढ़ती जा रही है और इसके नए तरीके सामने आ रहे हैं। ठगों के द्वारा आम लोगों को निशाना बनाना और उनके बैंक खातों का दुरुपयोग करना एक गंभीर चिंता का विषय है। इसके लिए सभी को जागरूक होना पड़ेगा और ठगों के खिलाफ मिलकर खड़ा होना पड़ेगा। अगर हम सभी सावधान रहें और ठगी के तरीकों के प्रति जागरूक रहें, तो हम इस समस्या का सामना कर सकते हैं और समाज को एक सुरक्षित जगह बना सकते हैं।

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