भारी बारिश ने Mumbai में जनजीवन प्रभावित किया: भारी बारिश, जलभराव और स्थानीय Train सेवाओं पर असर

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Mumbai में भारी बारिश

Mumbai में 8 जुलाई को भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की थी कि Mumbai और आसपास के इलाकों में भारी बारिश होगी। इस भविष्यवाणी के अनुसार, सुबह 1 बजे से 7 बजे तक शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हुई, जिसके कारण निम्न-स्तरीय क्षेत्रों में जलभराव हो गया और उपनगरीय Train सेवाएं बाधित हो गईं।

जलभराव और Train सेवाओं पर प्रभाव

Mumbai के केंद्रीय रेलवे मार्गों पर लोकल Train सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। कई क्षेत्रों में रातभर में 300 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे विभिन्न सड़कों पर जलभराव हो गया। गोवंडी क्षेत्र में 315 मिमी और पवई क्षेत्र में 314 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस भारी बारिश के कारण सड़कों और रेलवे ट्रैक पर जलभराव हो गया, जिससे यात्रा करने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

Mumbai महानगर पालिका (BMC) ने सुबह के बयान में बताया कि 8 जुलाई को भी भारी बारिश की संभावना है। BMC के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि केंद्रीय रेलवे के दोनों मुख्य और हार्बर गलियारे पर जलभराव के कारण उपनगरीय सेवाएं प्रभावित हुईं। हालाँकि, 6:45 बजे इन गलियारों पर सेवाएं फिर से शुरू हो गईं।

नागरिक समूह की मांग: BMC से मुआवजा

Mumbai के एक नागरिक समूह, वॉचडॉग फाउंडेशन, ने BMC से जलभराव और बाढ़ के कारण हुए व्यवधानों के लिए मुआवजे की मांग की है। इस समूह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक पत्र में कहा, “हम BMC के हालिया दावे से गहरे असंतुष्ट हैं कि मुंबई ‘बारिश के लिए तैयार’ है। इस दावे को विभिन्न क्षेत्रों में भारी बाढ़ के अनुभवों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।”

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वॉचडॉग फाउंडेशन ने उन संबंधित अधिकारियों के इस्तीफे की भी मांग की, जिन्होंने मुंबई के लोगों को गलत बयान दिए कि वे मानसून के लिए तैयार हैं। उदाहरण के लिए, मारोल क्षेत्र, जो शायद ही कभी जलभराव का सामना करता है, वहां 4 फीट गहरा पानी भर गया, जिससे कई वाहनों को नुकसान हुआ और पानी आवासीय परिसरों और दुकानों में प्रवेश कर गया।

महाराष्ट्र विधानसभा स्थगित

भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही को भी स्थगित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कई विधायकों और मंत्रियों के विधानसभा परिसर तक नहीं पहुँच पाने के कारण सदन को 1 बजे तक स्थगित कर दिया। विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने सभा के प्रारंभ होते ही Mumbai में भारी बारिश के कारण लोगों को हो रही समस्याओं को उजागर किया। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मानसून से पहले की तैयारियों के बावजूद करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बावजूद वे तैयार नहीं थे।

प्रशासन की भूमिका और चुनौतियाँ

Mumbai जैसे बड़े महानगर में मानसून के दौरान जलभराव और यातायात के बाधित होने की समस्या कोई नई नहीं है। हर साल, भारी बारिश से शहर के कई हिस्सों में जलभराव होता है, जिससे जनजीवन प्रभावित होता है। प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है कि किस प्रकार शहर को मानसून के लिए तैयार किया जाए ताकि न्यूनतम नुकसान हो।

BMC की तैयारियाँ और आलोचनाएँ

Mumbai महानगर पालिका (BMC) ने बारिश से पहले कई तैयारियाँ की थीं, जिसमें नालों की सफाई, सड़कों की मरम्मत और जलनिकासी प्रणाली को दुरुस्त करना शामिल था। लेकिन नागरिक समूहों और विपक्षी नेताओं के अनुसार, ये तैयारियाँ पर्याप्त नहीं थीं। वे आरोप लगाते हैं कि BMC द्वारा किए गए दावे और वास्तविकता में बड़ा अंतर है।

वॉचडॉग फाउंडेशन के पत्र में यह भी उल्लेख किया गया कि मानसून की तैयारी के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन परिणामस्वरूप स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। इस तरह की आलोचनाएँ प्रशासन के कामकाज पर सवाल उठाती हैं और उनकी जवाबदेही तय करने की मांग करती हैं।

नागरिकों की समस्याएँ और उनकी मांगें

भारी बारिश और जलभराव से न केवल यातायात बाधित हुआ बल्कि कई घरों और दुकानों में भी पानी भर गया, जिससे संपत्ति का नुकसान हुआ। नागरिकों का कहना है कि उन्हें हर साल इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन प्रशासन द्वारा कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जाता।

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नागरिक समूहों ने BMC से मुआवजे की मांग की है ताकि उन्हें हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। इसके अलावा, उन्होंने संबंधित अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की है, जिन्होंने जनता को गलत जानकारी देकर गुमराह किया। इन मांगों का उद्देश्य प्रशासन को उनकी गलतियों का एहसास कराना और भविष्य में बेहतर तैयारी सुनिश्चित करना है।

तैयारियाँ और सुधार

भारी बारिश और जलभराव की समस्या का समाधान तभी संभव है जब प्रशासन, नागरिक समूह और जनता मिलकर काम करें। BMC को अपनी तैयारियों में सुधार लाने की आवश्यकता है और इसके लिए उन्हें नागरिकों के सुझावों और शिकायतों पर ध्यान देना होगा। जलनिकासी प्रणाली को दुरुस्त करना, नालों की नियमित सफाई और मानसून से पहले सड़कों की मरम्मत जैसे कदम उठाने होंगे।

इसके अलावा, नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा और किसी भी अनियमितता की जानकारी तुरंत प्रशासन को देनी होगी। आपदा प्रबंधन तंत्र को और मजबूत करना, आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखना और जनता को समय पर सूचनाएँ प्रदान करना भी महत्वपूर्ण है।

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Mumbai में भारी बारिश और जलभराव की समस्या ने एक बार फिर सरकार की तैयारियों पर प्रश्नचिन्ह लगाया है। प्रशासन को नागरिकों की आवश्यकताओं और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अपनी व्यवस्था में सुधार करना होगा। स्थायी समाधान की खोज ही इस समस्या का हल हो सकती है। ताकि मुंबई को मानसून के लिए पूरी तरह से तैयार किया जा सके, प्रशासन को नागरिकों के साथ मिलकर काम करना होगा।

Mumbai की भारी बारिश ने एक बार फिर शहर की मौसमी तैयारियों की पोल खोल दी है। जलभराव और ट्रेनों की सेवाओं पर पड़े प्रभाव ने नागरिकों को काफी परेशानी में डाल दिया है। नागरिक समूहों की मांग और महाराष्ट्र विधानसभा में उठाए गए मुद्दे इस बात का संकेत देते हैं कि Mumbai में मानसून से पहले की तैयारियों में सुधार की आवश्यकता है। BMC को नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उचित कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

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